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दिवाली या दिवाला ? Shame on #Media

तो दोस्तो ये media अगर ईमानदार है ! तो सबका सच एक साथ दिखाये !! 
विदेशी कंपनिया को expose करने की बात पर मुंह मे रुमाल डाल लेता है !!

और बेचारे गरीब मिठाई वालों का धंधा चोपट करने के लिए कुत्तों की तरह भोंकने लग जाता है ! मित्रो हम ये नहीं कहते की मिठाई वाले मिलावट नहीं करते होंगे लेकिन मीडिया को ये मिलावट 
त्योहारों के समय ही याद आती है ?? क्यों उसका कारण एक मात्र इनको विदेशी कंपनियो का माल बिकवाना है 


    मलेशिया के लोगों में कैडबरी और उसकी मूल कंपनी क्राफ्ट फूड को ले कर काफी नाराजगी है. कैडबरी चॉकलेट के टेस्ट में सुअर का डीएनए मिला है.

इस मामले के सामने आने के बाद मुस्लिम व्यापारियों और उपभोक्ता देश भर में कैडबरी का बहिष्कार कर रहे हैं. दरअसल मलेशिया और अन्य इस्लामी देशों में खाने पीने की चीजों का नियमित रूप से टेस्ट होता रहता है ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि खाद्य उत्पाद हलाल हैं. इसी तरह के टेस्ट में पाया गया कि कैडबरी की दो चॉकलेट नियमों का उल्लंघन कर रही हैं. इस बात के सामने आने के बाद कंपनी को बाजार से सभी चॉकलेट वापस लेनी पड़ी हैं. जानकारों का मानना है कि इस मामले से आसपास के देशों में भी कैडबरी की बिक्री पर असर पड़ेगा. खास तौर से इंडोनेशिया में कैडबरी को भरी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि वहां की ज्यादातर आबादी मुस्लिम है.

मलेशिया में 800 स्टोर कैडबरी का बहिष्कार कर रहे हैं और वे चॉकलेट के अलावा ओरियो कुकीज और रिट्स क्रैकर्स को भी दुकान में रखने से मना कर चुके हैं. मलेशिया की मुस्लिम कंज्यूमर्स एसोसिएशन के शेख अब्दुल करीम खदाइद ने क्वालालंपूर में प्रेस कॉन्फरेंस में कहा, "इससे मलेशिया की सभी कंपनियों को सीख मिलेगी कि देश में उत्पादों को ले कर संवेदनशीलता को समझें." उन्होंने कहा कि कंपनी को अपनी गलती के लिए माफी मांगनी चाहिए थी और आदेश मिलने से पहले खुद ही सभी उत्पाद बाजार से हटा लेने चाहिए थे.

वहीं कैडबरी का कहना है कि वह देश में इस्लामी मामलों के विभाग के साथ मिल कर काम कर रहा है और इस बात पर ध्यान दे रहा है कि उत्पाद हलाल नियमों के अनुसार ही बनें. कंपनी ने कहा कि नए टेस्ट किए जा रहे हैं और उम्मीद है कि हफ्ते भर में नतीजे आ जाएंगे. हालांकि कैडबरी मलेशिया की प्रवक्ता ने देश में चल रहे बहिष्कार पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है.!

हमारे देश का भांड मीडिया और सरकार इन मामलो पर पूरी तरह चुप है क्योंकि मीडिया विदेशी कंपनियो के विज्ञापनो का गुलाम है ! उनकी सारी कमाई इन्ही विदेशी
कंपनियो के विज्ञापन से होती है और विदेशी कंपनियो को कमाई आपको सूअर वाला चाकलेट बेचने से होती है ! जिसे खाने से आप आपने आप को माडर्न समझने लगते है !
और विज्ञापन भी इसी तरीके से दिखाये जाते है की आपके दिमाग की मानसिकता को बदल दिया जाए ! और आपको ये दिखाया जाए की लड़कियो को तो चाकलेट बहुत पसंद होती है !!
और लड़के जब तक उनको चाकलेट गिफ्ट ना करें तब तक लड़की पटती नहीं !! इस तरह की बातें बड़ी साजिश के तहत आपके दिमाग मे इन विदेशी कंपनियो द्वारा बैठाई जाती है !!

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